[ Featuring Sumedha Karmahe ]
दर्द-ए-दिल कैसे छुपाये
मर्ज़-ए-वफ़ा में डूब ही जायें
चाहत है अब ये मेरी
पल अब ये यहीं थम जाए
दरमियाँ कुछ नहीं
फिर क्यूँ अपना सा लगे
पास तू है मेरे
फिर क्यूँ जुदा सा लगे
ओ हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ हं हं हं हं हं हम्म
ओ हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ हं हं हं हं हं हम्म
मुरझाए पत्ते सी हूँ मैं
बारिश की बूँदों सा है तू
लफ़्ज़ों में हो ना जो बयान
ऐसा ही किस्सा है तू
तूने यूँ लबों को लब से है छुआ
एहसास यूँ नया अब हो गया
तेरे पास पास चाहूं मैं रहना
अब रब से मेरी ये दुआ
दरमियाँ कुछ नहीं
फिर क्यूँ अपना सा लगे
पास तू है मेरे
फिर क्यूँ जुदा सा लगे
दरमियाँ कुछ नहीं ( कुछ नहीं)
फिर क्यूँ अपना सा लगे (फिर क्यूँ अपना सा लगे)
पास तू है मेरे (है मेरे)
फिर क्यूँ जुदा सा लगे (फिर क्यूँ जुदा सा लगे)