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Vishal Mishra - Woh Chaand Kahan Se Laogi [Lofi Flip] Lyrics

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Vishal Mishra - Woh Chaand Kahan Se Laogi [Lofi Flip] Lyrics
Official




[ Featuring Manoj Muntashir, Swattrex ]

क्या क्या बातें

दिल तोड़ा तो क्यूँ तोड़ा इतना तो बता देती
कोई बहाना कर लेती कोई तो वजह देती
ना आ आ आ आ
हम्म दिल तोड़ा तो क्यूँ तोड़ा इतना तो बता देती
कोई बहाना कर लेती कोई तो वजह देती
जब याद तुम्हें मैं आऊंगा रातों में बहोट घबरावगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने ये सोच के सो ना पाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने ये सोच के सो ना पाओगी
जो चाँद तुम्हारा मेरा था वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने यह सोच के सो ना पाओगी

क्या क्या बातें करती थी बाहों में खो के
तुम जो बिछड़े मर जाऊंगी मैं रो रो के (ए ए ए)
अ आ आ आ
औरों से तुम दोहराती हो जब ये बातें
याद आती हैं क्या मेरे संग गुज़री रातें
देखने वाले तुम्हें तो होंगे लाखो में
मेरे जैसा प्यार होगा किसकी आँखों में
चाहे जितनी कोशिश कर लो
किसी और की हो ना पाओगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
जो चाँद तुम्हारा मेरा था
वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी

आसमान तेरा रोशनी को तरस जाएगा
चाँद ये लौट कर अब ना आएगा

जो चाँद तुम्हारा मेरा था
वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने
यह सोच के सो ना पाओगी

बारीशों में छुप के जितना रोया हू मैं
तुमको भी उतना कभी रोना पड़ेगा
सिर्फ़ मेरा टूटना काफ़ी नही है
तुमको भी तो मुंतशीर होना पड़ेगा
[ Correct these Lyrics ]

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क्या क्या बातें

दिल तोड़ा तो क्यूँ तोड़ा इतना तो बता देती
कोई बहाना कर लेती कोई तो वजह देती
ना आ आ आ आ
हम्म दिल तोड़ा तो क्यूँ तोड़ा इतना तो बता देती
कोई बहाना कर लेती कोई तो वजह देती
जब याद तुम्हें मैं आऊंगा रातों में बहोट घबरावगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने ये सोच के सो ना पाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने ये सोच के सो ना पाओगी
जो चाँद तुम्हारा मेरा था वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने यह सोच के सो ना पाओगी

क्या क्या बातें करती थी बाहों में खो के
तुम जो बिछड़े मर जाऊंगी मैं रो रो के (ए ए ए)
अ आ आ आ
औरों से तुम दोहराती हो जब ये बातें
याद आती हैं क्या मेरे संग गुज़री रातें
देखने वाले तुम्हें तो होंगे लाखो में
मेरे जैसा प्यार होगा किसकी आँखों में
चाहे जितनी कोशिश कर लो
किसी और की हो ना पाओगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी
जो चाँद तुम्हारा मेरा था
वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गावा दी है तुमने
ये सोच के सो ना पाओगी

आसमान तेरा रोशनी को तरस जाएगा
चाँद ये लौट कर अब ना आएगा

जो चाँद तुम्हारा मेरा था
वो चाँद कहाँ से लाओगी
क्या चीज़ गवा दी है तुमने
यह सोच के सो ना पाओगी

बारीशों में छुप के जितना रोया हू मैं
तुमको भी उतना कभी रोना पड़ेगा
सिर्फ़ मेरा टूटना काफ़ी नही है
तुमको भी तो मुंतशीर होना पड़ेगा
[ Correct these Lyrics ]
Writer: MANOJ MUNTASHIR SHUKLA, VISHAL MISHRA
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group
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