शायद कभी न कह सकूँ मैं तुमको
कहे बीना समझ लो तुम शयाद
शायद मेरे खयाल में तुम एक दिन
मिलो मुझे कही पे गूम शायद
जो तुम ना हो रहेंगे हम नहीं
जो तुम ना हो-ऊ ऊ रहेंगे हम नहीं
ना चाहिए कुछ तुमसे ज्यादा
तुमसे कम नहीं
जो तुम ना हो-ऊ ऊ
आखों को ख़ाब देना खुद ही सवाल करके
खुद हीं जवाब देना तेरी तरफ से
बिन काम काम करना जाना कही हो चाहें
हर बार ही गुज़रना तेरी तरफ़ से
ये कोशिशें तो होंगी कम नहीं
ये कोशिशें तो होंगी कम नहीं
ना चाहिए कुछ तुमसे ज्यादा
तुमसे कम नहीं
जो तुम ना हो-ऊ..ऊ ..रहेंगे हम भी हम नहीं
तो हम भी हम नहीं
तो हम भी हम नहीं