राणा जी मैं तो गोविंद के गुण गा सू
राजा रूठे नगरी राखे हरी रूठा कहा जा सू
राणा जी मैं तो गोविंद के गुण गा सू
हरिमंदिर मे निरत करा आँसू
घूंघारिया भव गा सू
राणा जी मैं तो गोविंद के गुण गा सू
ये संसार बाढ़ का काटा
जिया संग तू नही जासू
मीरा कही प्रभु गिरिधर नाग रे
मीरा कही प्रभु गिरिधर नाग रे
नित उठ दर्शन गा सू
राणा जी मैं तो गोविंद के गुण गा सू