बोले रे पपीहरा पपीहरा
बोले रे पपीहरा पपीहरा
नित् घन बरसे नित मन प्यासा
नित मन प्यासा नित मन तरसे
बोले रे पपीहरा पपीहरा
बोले रे पपीहरा पपीहरा
बोले रे पपीहरा
पलकों पर एक बूँद सजाए
बैठी हूँ सावन ले जाये
जाये पी के देस में बरसे
जाये पी के देस में बरसे
नित मन प्यासा नित मन तरसे
बोले रे पपीहरा
बोले रे पपीहरा पपीहरा
बोले रे पपीहरा
सावन जो संदेसा लाए
सावन जो संदेसा लाए
मेरी आँख से मोती पाए
मेरी आँख से मोती पाए
जान मिले बाबुल के घर से
जान मिले बाबुल के घर से
नित मैं प्यासा नित मैं तरसे
बोले रे पपीहरा पपीहरा
बोले रे पपीहरा पपीहरा
बोले रे पपीहरा