इश्क़ की साजिशें
इश्क़ की बाज़ियाँ
हारा मैं खेल के
दो दिलों का जुआ
क्यूँ तूने मेरी फुर्सत की क्यूँ दिल में इतनी हरकत की
इश्क में इतनी बरक़त की
ये तूने क्या किया
फिरूं अब मारा मारा मैं चाँद से बिछड़ा तारा मैं
क्यूँ इतना दिल से हारा मैं
ये तूने क्या किया
सारी दुनिया से जीत के मैं आया हूँ इधर
तेरे आगे ही मैं हारा किया तूने क्या असर
मैं दिल का राज़ कहता हूँ
की जब जब सांसें लेता हूँ
तेरा ही नाम लेता हूँ
ये तूने क्या किया
मैं दिल का राज़ कहता हूँ
की जब जब सांसें लेता हूँ
तेरा ही नाम लेता हूँ
ये तूने क्या किया