तुम चाँद से हसीं हो तारों से पूछ लो
तुम चाँद से हसीं हो तारों से पूछ लो
फूलों से ख़ूबरू हो बहारों से पूछ लो
तुम चाँद से हसीं हो तारों से पूछ लो
क्यों देखती है मेरी नज़र तुमको बार बार
क्यों देखती है मेरी नज़र तुमको बार बार
अपनी नज़र के शोख इशारों से पूछ लो
तुम चाँद से हसीं हो
किसमत में हो जुदाई तो कैसे मिलाप हो
किसमत में हो जुदाई तो कैसे मिलाप हो
बहती नदी के दोनों किनारों से पूछ लो
तुम चाँद से हसीं हो
कुछ आंसुओं से पूछ लो उल्फत की तल्खियां
कुछ आंसुओं से पूछ लो उल्फत की तल्खियां
कुछ बदनसीब प्यार के मारों से पूछ लो
तुम चाँद से हसीं हो तारों से पूछ लो
फूलों से ख़ूबरू हो बहारों से पूछ लो
तुम चाँद से हसीं हो
तुम चाँद से हसीं हो