आ आ आ आ आ आ आ
छुपाई लाख मोहब्बत
मगर छुपा ना सके
छुपाई लाख मोहब्बत
मगर छुपा ना सके
हम अपने दाग ज़माने
को भी दिखा ना सके
छुपाई लाख मोहब्बत
मगर छुपा ना सके
करिश्मा साज़ ये उलफत
ना पूछ ए हम दम
आ आ आ आ आ आ
करीब रह के भी अपना
उन्हे बना ना सके
करीब रह के भी अपना
उन्हे बना ना सके
छुपाई लाख मोहब्बत
मगर छुपा ना सके
ये सोज़े दिल की खलिश है
ये सोज़े दिल की खलिश है
की हे जुनून उसरत
भुला लाख भी चाहा
मगर भुला ना सके
भुला लाख भी चाहा
मगर भुला ना सके
छुपाई लाख मोहब्बत
मगर छुपा ना सके
हम अपने दाग ज़माने
को भी दिखा ना सके
छुपाई लाख मोहब्बत
मगर छुपा ना सके