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Aana Hi Padega Video (MV)




Performed By: Talat Mahmood
Length: 4:19
Written by: Khaiyyaam, Azmi Kaifi




Talat Mahmood - Aana Hi Padega Lyrics
Official




उदास उदास फ़िज़ाओं में नूर छलकाओ
बुझे बुझे हुए तारों को हँस के चमकाओ
ग़ुरुर-ए-हुस्न सलामत न राह दिखलाओ
रबग डूब गया, खूने अब तो आ जाओ
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा

नगमा मेरा हर साँस में रस घोल रहा है
इस साँस के परदे में खुदा बोल रहा है
नगमा मेरा हर साँस में रस घोल रहा है
इस साँस के परदे में खुदा बोल रहा है
छेड़ा है अगर साज़ तो गाना ही पड़ेगा
छेड़ा है अगर साज़ तो गाना ही पड़ेगा
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा आ आ

टपकेगा लहू दर्द भरे राग से कब तक
खेलेगी तेरी मस्त अदा आग से कब तक
टपकेगा लहू दर्द भरे राग से कब तक
खेलेगी तेरी मस्त अदा आग से कब तक
इस खेल में अब हाथ जलाना ही पड़ेगा
इस खेल में अब हाथ जलाना ही पड़ेगा
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा आ आ

उल्फ़त कभी दुनिया से डरेगी ना डरी है
फूलों से जवानी ने सदा माँग भरी है
उल्फ़त कभी दुनिया से डरेगी ना डरी है
फूलों से जवानी ने सदा माँग भरी है
हँसने के लिये ज़ख्म तो खाना ही पड़ेगा
हँसने के लिये ज़ख्म तो खाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
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उदास उदास फ़िज़ाओं में नूर छलकाओ
बुझे बुझे हुए तारों को हँस के चमकाओ
ग़ुरुर-ए-हुस्न सलामत न राह दिखलाओ
रबग डूब गया, खूने अब तो आ जाओ
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा

नगमा मेरा हर साँस में रस घोल रहा है
इस साँस के परदे में खुदा बोल रहा है
नगमा मेरा हर साँस में रस घोल रहा है
इस साँस के परदे में खुदा बोल रहा है
छेड़ा है अगर साज़ तो गाना ही पड़ेगा
छेड़ा है अगर साज़ तो गाना ही पड़ेगा
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा आ आ

टपकेगा लहू दर्द भरे राग से कब तक
खेलेगी तेरी मस्त अदा आग से कब तक
टपकेगा लहू दर्द भरे राग से कब तक
खेलेगी तेरी मस्त अदा आग से कब तक
इस खेल में अब हाथ जलाना ही पड़ेगा
इस खेल में अब हाथ जलाना ही पड़ेगा
सर इश्क़ के कदमों पे झुकाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा आ आ

उल्फ़त कभी दुनिया से डरेगी ना डरी है
फूलों से जवानी ने सदा माँग भरी है
उल्फ़त कभी दुनिया से डरेगी ना डरी है
फूलों से जवानी ने सदा माँग भरी है
हँसने के लिये ज़ख्म तो खाना ही पड़ेगा
हँसने के लिये ज़ख्म तो खाना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
आना ही पड़ेगा
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Khaiyyaam, Azmi Kaifi
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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