हो परबत के उस पार
हो परबत के उस पार दिलो का प्यार हवाओं मे लहराता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार
दरिया का अलबेला पानी बादल बन कर झूमे
बादल शबनम के होंटो से कलियो का मुँह चूमे
हो इस वादी मैं सब से सब का रिश्ता नाता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार
हरियाली की चादर ओढ़े धूप चले राहो मैं
आँख मिचोली खेले मंज़र कोहरे की बाहो मैं
हो इश्क़ यहा पर जीने के आदाब सिखाता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार
पेड़ो को हमराज बनाए
दिलवाले दीवाने
खामोशी को रात सुनाए
चाहत के अफ़साने
हो चाँद फलक पर रोज किसी को ढूँढने आता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार दिलो का प्यार हवाओं मे लहराता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार