बदले मौसम बिखरी यादे
कल की कुर्बा सीलि बाते
नैनो में ये बूंदे रहती
रिमझिम बरसे मन का बादल
कुछ दिखा अनदिखा सुना अनसुना
दिखा अनदिखा सुना अनसुना
रुका रहा रुका रहा
किसी दोपहर धूप का कहर
किसी शाम पलको को थाम
सुरमयी काजल रात का आँचल
थोड़े सपने ना है अपने
कुछ दिखा अनदिखा सुना अनसुना
दिखा अनदिखा सुना अनसुना
रुका रहा रुका रहा रुका रहा रुका रहा
अपनी धुन में घिरता सागर
सूखे पत्ते गीली चादर
कुछ दिखा अनदिखा सुना अनसुना
दिखा अनदिखा सुना अनसुना
रुका रहा रुका रहा
कुछ दिखा अनदिखा सुना अनसुना
दिखा अनदिखा सुना अनसुना
रुका रहा रुका रहा रुका रहा रुका रहा
आँसू बन बह जाता है पाव मैं रह जाता है
हम्म हम्म हम्म
आँसू बन बह जाता है पाव मैं रह जाता है