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Sunidhi Chauhan - Jab Bhi [Trance] Lyrics



Sunidhi Chauhan - Jab Bhi [Trance] Lyrics
Official




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फिर तलब
आए तलब
फिर तलब
आए तलब
है तलब, तलब
बेसबब, बेसबब
फिर तलब, तलब
शाम होने लगी है
शाम होने लगी
लाल होने लगी है
लाल होने लगी

जब भी सिग्गरेट जलती है
मैं जलता हूँ

आग पे पाँव पड़ता है
कम्बख़्त धुए में जलता हूँ

जब भी सिग्गरेट जलती है
मैं जलता हूँ

फिर किसीने जलाई
एक दिया सा-लाई
अ ह फिर किसीने जलाई
एक दिया सा-लाई
आसमान जल उठा है
शाम ने राख उड़ाई
उप्पले जैसा सुलगता हूँ
उप्पले जैसा सुलगता हूँ
कम्बख़्त धुए में जलता हूँ

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लंबे धागे धुए के
साँस सीलने लगे है
प्यास उजड़ी हुई हैं
होंठ च्चिलने लगे है
शाम होने लगी है
शाम होने लगी
लाल होने लगी है
लाल होने लगी

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फिर तलब
आए तलब
फिर तलब
आए तलब
है तलब, तलब
बेसबब, बेसबब
फिर तलब, तलब
शाम होने लगी है
शाम होने लगी
लाल होने लगी है
लाल होने लगी

जब भी सिग्गरेट जलती है
मैं जलता हूँ

आग पे पाँव पड़ता है
कम्बख़्त धुए में जलता हूँ

जब भी सिग्गरेट जलती है
मैं जलता हूँ

फिर किसीने जलाई
एक दिया सा-लाई
अ ह फिर किसीने जलाई
एक दिया सा-लाई
आसमान जल उठा है
शाम ने राख उड़ाई
उप्पले जैसा सुलगता हूँ
उप्पले जैसा सुलगता हूँ
कम्बख़्त धुए में जलता हूँ

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लंबे धागे धुए के
साँस सीलने लगे है
प्यास उजड़ी हुई हैं
होंठ च्चिलने लगे है
शाम होने लगी है
शाम होने लगी
लाल होने लगी है
लाल होने लगी

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Writer: Vishal Bhardwaj, Gulzar
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Sunidhi Chauhan - Jab Bhi [Trance] Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Sunidhi Chauhan
Length: 4:43
Written by: Vishal Bhardwaj, Gulzar

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