जन्नत, जन्नत चिलायें दिल
दोज़ख़, दोज़ख़ दिखलायें दिल
डर रहा हैं टूट जाने से
कर रहा है खुद ही खुद के टुकड़ें, टुकड़े
तू आए दिल चाहता हैं क्या संग दिल
चाहता हैं क्या तंग दिल
ना ना ना ना
आए दिल चाहता हैं क्या संग दिल
चाहता हैं क्या तंग-दिल
जाने ना दिल
ना ना ना ना
जाने ना दिल(जाने ना)
ना ना ना ना
जाने ना दिल(जाने ना)
ना ना ना ना
ना ना ना ना
हाए, हाए चिलायें दिल
साए साए दिखलायें दिल
डर रहा हैं काली रातों से
कर रहा हैं चाँद के फिर क्यूँ टुकड़े टुकड़ें
तू आए आए दिल चाहता हैं क्या संग दिल
चाहता हैं क्या तंग दिल
जाने ना दिल
ना ना ना ना
जाने ना दिल(जाने ना)
ना ननाना
जाने ना दिल(जाने ना)
ना ननाना
ना ननाना
अश्क़ है या इश्क़ है मेरा
क्यूँ आँख से टपक रहा है दिल
खो रहा हैं या खुद को पा लिया हैं
क्यू याद चाक कर रहा हैं दिल
डर रहा हैं दरियाँ होने से
कर रहा हैं खुद ही खुद के कतरे कतरे
तू आए दिल चाहता हैं क्या संग-दिल
चाहता हैं क्या तंग-दिल
जाने ना दिल(What do you want)
जाने ना दिल(What do you want)
आए दिल चाहता हैं क्या तंग दिल
चाहता हैं क्या संगदिल
जाने ना दिल
ना ना ना ना
जाने ना दिल(जाने ना)
ना ननाना
जाने ना दिल(जाने ना)
ना ननाना
ना ननाना ना ननाना ना ननाना