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Sukhwinder Singh - Shambho Shiv Shambho Lyrics



Sukhwinder Singh - Shambho Shiv Shambho Lyrics
Official




[ Featuring Sajid-Wajid ]

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

शक्ति ह्रदय की हो न कभी कम
मन में रहे विश्वास भी हरदम
ज्योति कलश कभी हो न माध्यम बोले हर गंगे
स्वर की लहर में हो हार्श की सरगम
गूँजे बदन में डमरू की डम डम
ले के चलें हम विजय का परचम
बोले हर गंगे

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

जाना हुमको है बस बढ़ते जाना
हमने तो सीखा है तूफ़ान से टकराना
अपना लोहा तो दुनिया ने माना
हमसे तो मुश्किल है दुश्मन का बच पाना
आग सीने में ही पला जल रही साँसों में ज्वाला
हम तो पीते विष का प्याला साथ अपने त्रिशूल वाला
आ आ आ

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

शक्ति ह्रदय की हो न कभी कम
मन में रहे विश्वास भी हरदम
ज्योति कलश कभी हो न माध्यम

बोले हर गंगे

स्वर की लहर में हो हार्श की सरगम
गूँजे बदन में डमरू की डम डम
ले के चलें हम विजय का परचम
बोले हर गंगे

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

ध नि ध म ग ग रे ग रे सा रे
सानिधप निधपम धपमग

जो भी हम सोचें वह करके छोड़ें
हम तो हवा का रुख भी मोडें
चाहे तो पानी से पत्थर तोड़े
टूटे पत्थर को जब चाहे जोडें
हम हैं बनजारे दीवाने ख़ाक दर दर के हम छानें
मौत से लड़ना हम जाने वक़्त से हार न हम माने
आ आ आ

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

शक्ति ह्रदय की हो न कभी कम
मन में रहे विश्वास भी हरदम
ज्योति कलश कभी हो न माध्यम
बोले हर गंगे
स्वर की लहर में हो हार्श की सरगम
गूँजे बदन में डमरू की डम डम
ले के चलें हम विजय का परचम
बोले हर गंगे

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
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शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

शक्ति ह्रदय की हो न कभी कम
मन में रहे विश्वास भी हरदम
ज्योति कलश कभी हो न माध्यम बोले हर गंगे
स्वर की लहर में हो हार्श की सरगम
गूँजे बदन में डमरू की डम डम
ले के चलें हम विजय का परचम
बोले हर गंगे

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

जाना हुमको है बस बढ़ते जाना
हमने तो सीखा है तूफ़ान से टकराना
अपना लोहा तो दुनिया ने माना
हमसे तो मुश्किल है दुश्मन का बच पाना
आग सीने में ही पला जल रही साँसों में ज्वाला
हम तो पीते विष का प्याला साथ अपने त्रिशूल वाला
आ आ आ

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

शक्ति ह्रदय की हो न कभी कम
मन में रहे विश्वास भी हरदम
ज्योति कलश कभी हो न माध्यम

बोले हर गंगे

स्वर की लहर में हो हार्श की सरगम
गूँजे बदन में डमरू की डम डम
ले के चलें हम विजय का परचम
बोले हर गंगे

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

ध नि ध म ग ग रे ग रे सा रे
सानिधप निधपम धपमग

जो भी हम सोचें वह करके छोड़ें
हम तो हवा का रुख भी मोडें
चाहे तो पानी से पत्थर तोड़े
टूटे पत्थर को जब चाहे जोडें
हम हैं बनजारे दीवाने ख़ाक दर दर के हम छानें
मौत से लड़ना हम जाने वक़्त से हार न हम माने
आ आ आ

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो

शक्ति ह्रदय की हो न कभी कम
मन में रहे विश्वास भी हरदम
ज्योति कलश कभी हो न माध्यम
बोले हर गंगे
स्वर की लहर में हो हार्श की सरगम
गूँजे बदन में डमरू की डम डम
ले के चलें हम विजय का परचम
बोले हर गंगे

शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
शम्भो शिव शंभो शिव शिव शम्भो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SAJID KHAN, WAJID KHAN, SAMEER ANJAAN
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC




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