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Ye Saaheb Ajeeb Hai Video (MV)




Performed By: Sujata Trivedi
Length: 4:29
Written by: Javed Akhtar




Sujata Trivedi - Ye Saaheb Ajeeb Hai Lyrics
Official




इन साहब को ज़रा देखो
आ आ इन साहब को ज़रा देखो
ये ऐसे क्यू है सोचो
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
बिगड़े बिगड़े से छिड़े छिड़े से रहते है
ये जिनसे हंस के बात करे वो खुशनसीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
बिगड़े बिगड़े छिड़े छिड़े से रहते है
ये जिनसे हंस के बात करे वो खुशनसीब है

ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
ये साहब अजीब है

इन्हे लाड प्यार बचपन मे शायद मिल नही पाए
लड्डू बस दूर से देखे लेकिन कभी ना खाए
शायद बचपन मे माँगा था जब कोई खिलोना
बदले मे मिला था कोना और कोने मे रोना

तो छिड़े हुए ये बड़े हुए
ये दुनिया से है लड़े हुए

तो छिड़े हुए ये बड़े हुए
ये दुनिया से है लड़े हुए
खुशिया भी अगर दौलत है
खुशिया भी अगर दौलत है
तो ये साहब ग़रीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है

ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है

(?)

शायद इनका mummy daddy से पंगा हुवा है
शादी के बाद घर मे कोई दंगा हुवा है
जिस लड़की से करनी थी इन साहब को शादी
Daddy ने कहा मेरे घर की बहू बन ही नही सकती

जो गुसा बड़ा तो किस्सा बड़ा
मूह मोड़ लिया घर छोड़ दिया

जो गुसा बड़ा तो किस्सा बड़ा
मूह मोड़ लिया घर छोड़ दिया

Mummy रोती है mummy रोती है
Daddy मरने के करीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
बिगड़े बिगड़े से छिड़े छिड़े से रहते है
ये जिनसे हंस के बात करे वो खुशनसीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
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इन साहब को ज़रा देखो
आ आ इन साहब को ज़रा देखो
ये ऐसे क्यू है सोचो
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
बिगड़े बिगड़े से छिड़े छिड़े से रहते है
ये जिनसे हंस के बात करे वो खुशनसीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
बिगड़े बिगड़े छिड़े छिड़े से रहते है
ये जिनसे हंस के बात करे वो खुशनसीब है

ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
ये साहब अजीब है

इन्हे लाड प्यार बचपन मे शायद मिल नही पाए
लड्डू बस दूर से देखे लेकिन कभी ना खाए
शायद बचपन मे माँगा था जब कोई खिलोना
बदले मे मिला था कोना और कोने मे रोना

तो छिड़े हुए ये बड़े हुए
ये दुनिया से है लड़े हुए

तो छिड़े हुए ये बड़े हुए
ये दुनिया से है लड़े हुए
खुशिया भी अगर दौलत है
खुशिया भी अगर दौलत है
तो ये साहब ग़रीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है

ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है

(?)

शायद इनका mummy daddy से पंगा हुवा है
शादी के बाद घर मे कोई दंगा हुवा है
जिस लड़की से करनी थी इन साहब को शादी
Daddy ने कहा मेरे घर की बहू बन ही नही सकती

जो गुसा बड़ा तो किस्सा बड़ा
मूह मोड़ लिया घर छोड़ दिया

जो गुसा बड़ा तो किस्सा बड़ा
मूह मोड़ लिया घर छोड़ दिया

Mummy रोती है mummy रोती है
Daddy मरने के करीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
बिगड़े बिगड़े से छिड़े छिड़े से रहते है
ये जिनसे हंस के बात करे वो खुशनसीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
ये साहब अजीब है ये साहब अजीब है
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Writer: Javed Akhtar
Copyright: Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC


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