[ Featuring Kumar Sanu, Udit Narayan ]
दोस्तों के लिए आज की शाम है
दुश्मनों के लिए आज ये पैगाम है
उसूल अपना तो ये है
छेड़ते नहीं किसी को
छेड़ता है कोई हमको तो छोडते नहीं हम उनको
न टकराये वो हमसे ये सिना है फौलादी
दुश्मनी अपनी ये ऐसी है जो करती है बर्बादी
अरे हो नादानो तुम क्या जानो
दुश्मनी चीज़ कहते है किसको
अरे कमसीनो थोड़ा जीलो
प्यार करलो जरा ज़िन्दगी को
दोस्तों के लिए आज की शाम है
दुश्मनों के लिए आज ये पैगाम है
है उसूल अपना तो ये है
छेड़ते नहीं किसी को
छेड़ता है कोई हुमको तो छोडते नहीं हम उनको
न टकराये वो हमसे ये सिना है फौलादी
दुश्मनी अपनी ये ऐसी है जो करती है बर्बादी
अरे हो नादानो तुम क्या जानो
दुश्मनी चीज़ कहते है किसको
अरे कमसीनो थोड़ा जीलो
प्यार करलो जरा ज़िन्दगी को
कमसिन ही सही पर ये सुनलो
जीने मरने से डरते नहीं हम
अच्छे अच्छो को दुनिया घुमादे
जानते है सभी पैंतरे हम
छोटा मुँह बड़ी बाते ये अच्छी होती नहीं
जो मुमकिन ही नहीं दावे अच्छे नहीं
समझदारी यही है तुम खुदको सम्भालो तुम
कयामत बनके टूटेंगे हम मिट जाओगे तुम
हम भी नहीं कम देखते कितना है दम
तोड़ेंगे हम तेरा भरम
दोस्तों के लिए आज की शाम है
दुश्मनों के लिए आज ये पैगाम है
उसूल अपना तो ये है
छेड़ते नहीं किसी को
छेड़ता है कोई हुमको तो छोडते नहीं हम उनको
न टकराये वो हमसे ये सिना है फौलादी
दुश्मनी अपनी ये ऐसी है जो करती है बर्बादी
अरे हो नादानो तुम क्या जानो
दुश्मनी चीज़ कहते है किसको
अरे कमसीनो थोड़ा जीलो
प्यार करलो जरा ज़िन्दगी को
हौसला है बड़ा बात बड़ी है
इससे टकराना है ये भी सोचो
हस्तियां मिट न जाए तुम्हारी
नापा तोला जरा खुद को देखो
ये कैसे ख्वाब आप देखते है मेरे हुज़ूर
गलतफेमि को आप रखिए जरा खुद से दूर
किसकी मिटती हस्ती ये तो वक़्त बताएगा
आपकी आखरी ख्वाहिश है क्या वो कहियेगा
आपनी तो बोलो जरा खुद्की
सोचो जरा रहे कल तुम
दोस्तों के लिए आज की शाम है
दुश्मनों के लिए आज ये पैगाम है
उसूल अपना तो ये है
छेड़ते नहीं किसी को
छेड़ता है कोई हुमको तो छोडते नहीं हम उनको
न टकराये वो हमसे ये सिना है फौलादी
दुश्मनी अपनी ये ऐसी है जो करती है बर्बादी
अरे हो नादानो तुम क्या जानो
दुश्मनी चीज़ कहते है किसको
अरे कमसीनो थोड़ा जीलो
प्यार करलो जरा ज़िन्दगी को