ओह, तेज़ कदमो से झूठी शर्मो को
छोड़ आई है ज़िंदगी
ग़म के दफ़्तर को
एक ही ठोकर से तोड़ आई है ज़िंदगी
थोड़ी थोड़ी दिखती है थोड़ी ढकी
अंजानी बातों के हाथों से की
यह दुश्मनी अपने आप ही पकी
क्यू दोस्ती का भरम फिर भला हम करें
हम ना शुक्रे ओ ओ
है बेफ़िक्रे (ओ ओ)
न न ना ना न न ना ना न न ना ना
हम ना शुक्रे
हम ना शुक्रे
ये-ये या
आखों में ख्वाबों के टुकड़े सही
और दिल में हज़ारों ही दुखड़े सही
खुशियो की हुंसे बने ना बने
हम तो खुशियों से हन पिछड़े सही
खूँटि से इसको कहीं टाँग ले
ग़म से मोहलत ज़रा माँग ले
सारी हद्दे आज ही लाँग ले
फिर ना डरे ग़म से बस हमसे ही ग़म डरे
हम ना शुक्रे ओ ओ
है बेफ़िक्रे (ओ ओ)
हम ना शुक्रे ओ ओ
है बेफ़िक्रे (बेफ़िक्रे बेफ़िक्रे)