दुनिया क्या है, दौलत क्या है
सागर क्या है हे पर्वत क्या है
सब झुकते है प्यार के आगे
प्यार झुके बस दिलदार के आगे
तू है जिनका प्यार समंदर
मिट जाएगा मेरे सिकंदर
तू क्या जाने हवस का पारा
प्यार जहा में कभी ना हारा
सब झुकते है प्यार के आगे
प्यार झुके बस दिलदार के आगे
दुनिया क्या है, दौलत क्या है
सागर क्या है अरे पर्वत क्या है
सब झुकते है प्यार के आगे
प्यार झुके बस दिलदार के आगे
हे तेरे जैसे लाख लुटेरे
लूट सके ना रूप को मेरे
प्यार ने तोड़े शाम सवेरे
पाप के बंधन पाप के घेरे
सब झुकते है प्यार के आगे
प्यार झुके बस दिलदार के आगे
प्यार दवा है प्यार है खंजर
प्यार मसीहा प्यार सिकंदर
प्यार से जो भी टकराता है
टुकड़े टुकड़े हो जाता है
सब झुकते है प्यार के आगे
प्यार झुके बस दिलदार के आगे
दिलदार के आगे दिलदार के आगे हे