आसमान की छत पे
हैं अपनी दुनिया
खील खिलाती जिस में
हैं अपनी खुशियां
चाँद की छेनी लिए
तारे चुनते हैं हम
चाँद हुयी ये जहां
हैं ही कोई ग़म
बन्दे हैं हम उसके
हम पे किस का ज़ोर
उम्मीदो के सूरज
निकले चारों और
इरादे हैं फौलादी
हिम्मती हर कदम
अपने हाथों किस्मत लिखने
आज चले हैं हम
आसमान की छत पे
हैं अपनी दुनिया
खील खिलाती जिस में
हैं अपनी खुशियां
सूरज की पलकों तले
धुप बुनते हैं हम
चाँद हुयी ये जहाँ
हैं ही कोई ग़म
बन्दे हैं हम उसके
हम पे किस का ज़ोर
उमीदो के सूरज
निकले चारों और
इरादे हैं फौलादी
हिम्मती हर कदम
अपने हाथों किस्मत लिखने
आज चले हैं हम