कदमो में कैसी ज़ंजीर है
धुंधली सी हर तस्वीर है
कदमो में कैसी ज़ंजीर है
धुंधली सी हर तस्वीर है
घिरे है लोगो से है हम
घूंटा सा जाए है दम
जी रहे है साँसें कम
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी भीड़ है
आँखों में
देखे थे ख्वाब जो
सीने में
जल रहे है वो क्यूँ
हाथो से
माँगी थी जो दुआ
क्यूँ नही
उसका कुछ भी हुआ
क्यूँ अंधेरो से डरते सवेरे
रौशनी घर आती ना मेरे
क्यूँ है ये आफ़त बेतुकी सी
चेहरे क्यूँ है डरे ए ए
ये कैसी
ये कैसी भीड़ है
कदमो में कैसी ज़ंजीर है
धुंधली सी हर तस्वीर है
कदमो में कैसी ज़ंजीर है
धुंधली सी हर तस्वीर है
घिरे है लोगो से है हम
घूंटा सा जाए है दम
जी रहे है साँसें कम
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी भीड़ है
ये कैसी भीड़ है