बेज़ुबान दिल की ज़ुबानी कैसे बयान करूँ मैं
बिन तेरे एक लम्हा कैसे बिताऊं मैं
बेज़ुबान दिल की ज़ुबानी कैसे बयान करूँ मैं
बिन तेरे एक लम्हा कैसे बिताऊं मैं
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
हर खवाब मेरा टूटा है
जबसे तू मुझसे रूठा है
वक़्त ने क्यू बाँधी है मज़बूरिया
कैसे मिटाऊं मैं ये दूरिया
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
बेज़ुबान दिल की ज़ुबानी कैसे बयान करूँ मैं
बिन तेरे एक लम्हा कैसे बिताऊं मैं
बेज़ुबान दिल की ज़ुबानी कैसे बयान करूँ मैं
बिन तेरे एक लम्हा कैसे बिताऊं मैं
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
तू तो मेरी परछाई है
जो ना हो तो तन्हाई है
बिन तेरे मैं कैसे जियुं
कैसे कहु तुझसे कैसे कहु
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
बेज़ुबान दिल की ज़ुबानी कैसे बयान करूँ मैं
बिन तेरे एक लम्हा कैसे बिताऊं मैं
बेज़ुबान दिल की ज़ुबानी कैसे बयान करूँ मैं
बिन तेरे एक लम्हा कैसे बिताऊं मैं
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही
मैं तेरी यादों मैं पल पल रोयी हूँ
तुझको पता ही नही