रब का
रब का शुकराना
रब का
रब का शुकराना
ज़रा सा ज़रा सा, यूँ तेरा मुस्कुराना
लगे तू खफा सा, और आके चले जाना
तू ही मेरा एयेए
तू ही मेरा एयेए
वो ऊ वो ऊ
तुझे सोचता हूँ मैं शामो सुबह
इस से ज़्यादा तुझे और चाहूं तो क्या, ऊ ओ ऊ
तेरे ही ख़यालों में डूबा रहा
इस से ज़्यादा तुझे और चाहूं तो क्या
मेरा नाम तू हाथों पे अपने लिखे बार हाँ
आए काश के ऐसा भी इक दिन लाए वो खुदा, ऊ ओ ऊ
तेरा, दीदार हुआ ओ ओ
पहला, सा प्यार हुआ ओ ओ
तू है अब जो बाहों में, क़रार है
रब का शुकराना
साँसों में है नशा, खुमार है
रब का शुकराना
रब का रब का शुकराना
रब का शुकराना (रब का शुकराना)
तुम कहाँ फिर कहाँ ज़रा सा ज़रा सा
खो गया रास्ता, ऊ ओ ऊ
उम्मीद यह सीने में लेके मैं हूँ जी रहा
कभी तू मिले मुझसे कहे के मैं हूँ बस तेरा
तू ही मेरा मेरा मेरा
तू ही मेरा मेरा मेरा
तू ही मेरा मेरा मेरा
तू ही मेरा मेरा मेरा
तेरा, दीदार हुआ ओ ओ ओ
पहला, सा प्यार हुआ ओ ओ ओ