माना हो तुम बेहद हसी ऐसे बुरे हम भी नहि
माना हो तुम बेहद हसी ऐसे बुरे हम भी नहि
देखो कभी तो प्यार से डरते हो क्यू इकरार से
माना हो तुम बेहद हसी ऐसे बुरे हम भी नहि
तुम दो कदम दो साथ अगर आसान हो जाए सफ़र
छोड़ो भी ये दुनिया का डर तोडो ना दिल इनकार से
देखो कभी तो प्यार से डरते हो क्यू इकरार से
माना हो तुम बेहद हसी ऐसे बुरे हम भी नहि