बसने लगे आखों
में कुछ ऐसे सपने
बसने लगे आखों
में कुछ ऐसे सपने
कोई बुलाये जैसे नयनों से अपने
नैनों से अपने
ये समा समा हैं दीदार
का किसी के इंतजार का
दिल न चुरा ले कही मेरा
मौसम बहार का
ये समा समा हैं ये प्यार का
किसी के इंतज़ार का
दिल न चुरा ले कही मेरा
मौसम बहार का
ये समा समा हैं ये प्यार का