हो हो
शायद कभी ना कह सकूँ मैं तुमको
कहे बिना समझलो तुम शायद
शायद मेरे ख्याल में तुम इक दिन
मिलो मुझे कहीं पे गुम शायद
जो तुम ना हो रहेंगे हम नहीं
जो तुम ना हो रहेंगे हम नहीं
ना चाहिए कुछ तुम से ज़्यादा तुम से कम नहीं
आ आ ये
आँखों को ख्वाब देना
खुद ही स्वाल कर के
खुद ही जवाब देना तेरी तरफ से
दिन का मकाम करना
जाना कही हो चाहे
हर बार ही गुज़रना तेरी तरफ से
ये कोशिशे तो होंगी कम नहीं
ये कोशिशे तो होंगी कम नहीं
ना चाहिए कुछ तुम से ज़्यादा तुम से कम नहीं
जो तुम ना हो रहेंगे हम नहीं