[ Featuring Arijit Singh, Niranjan Iyengar ]
पल दो पल की है ये अपनी ज़िंदगानी
जी ले तो सुहानी या फिर है बेईमानी
ख्वाबों के दम पे है इसकी हर रवानी
इसकी धुन पे नाचे होके हम रूहानी
आँखों ने आँखों से नज़रों की ज़बानी
लफ़्ज़ों से छुपायी है ये वो कहानी
दिन के साए में हो रातें भी बेगानी
कर दें हम फ़ना अपनी बेज़ुबानी
ज़िंदा दिली याहू ज़िंदा दिली याहू
रूठी रातों की है झूठी ये सियाही
सूनी साँसों से तू पा लेगा जुदाई
जीना है तुझे तो दे दे ये गवाही
लिख दे आसमान पे अपनी ही रिहाई
सुन ले हर घड़ी जो देती है दुहाई
अपने हाथ में है अपनी ही रुबाई
गिरती बूँदों सी है दुनिया ये बनाई
उड़ते लम्हों ने है हमको ये सिखाई
ज़िंदा दिली याहू ज़िंदा दिली
सोई है जो खुशी साँसों में जो बसी
राहें नयी मिली मिली
ज़िंदा दिली (निसा निसा निसा रे गा)
या उ उ उ उ उ (निसा निसा रे ग रे र ग रे रे गा मा पा निसा रे र ग रे रे गा)
निसा रे ग रे निसा निसा निसा प म ग र सा आ आ(निसा निसा रे ग आ आ आ आ उ उ उ ए ए ए)
ना ना ना ना ना उ उ उ उ उ ए ए ए ज़िंदा दिली