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Is Tarha Video (MV)




Performed By: Sajjad Ali
Length: 4:24
Written by: Sajjad Ali




Sajjad Ali - Is Tarha Lyrics
Official




रात उनका मसला भी हे मेरा भी
Flash back उनके भी हैं मेरे भी
गीत वो भी लिखते हैं मैं भी
फ़र्क़ सिर्फ़ इतना हैं के वो खुद से गीत लिखते हैं
और मैं उनसे

क्यों उदास फिरते हो
सर्दियों की शामों में
क्यों उदास फिरते हो
सर्दियों की शामों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
सारा दिन अकेले में
रत भर ख़यालों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में

चुप से हो गये हो तुम
बात क्यों नहीं करते
चुप से हो गये हो तुम
बात क्यों नहीं करते
छोटी छोटी बातों पे
जीते जी नहीं मारती
हाथ काले करते हो
नाम लिख के हाथों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
सारा दिन अकेले में
रत भर ख़यालों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में

नज़्म जो सुननी थी
नज़्म वो सुनादि हैं
नज़्म जो सुननी थी
नज़्म वो सुनादि हैं
बात समझनी थी
बात समझादी हैं
वक़्त हो गया अपना
फिर मिलेंगे खुवाबों में

क्यों उदास फिरते हो
सर्दियों की शामों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
सारा दिन अकेले में
रत भर ख़यालों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
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रात उनका मसला भी हे मेरा भी
Flash back उनके भी हैं मेरे भी
गीत वो भी लिखते हैं मैं भी
फ़र्क़ सिर्फ़ इतना हैं के वो खुद से गीत लिखते हैं
और मैं उनसे

क्यों उदास फिरते हो
सर्दियों की शामों में
क्यों उदास फिरते हो
सर्दियों की शामों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
सारा दिन अकेले में
रत भर ख़यालों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में

चुप से हो गये हो तुम
बात क्यों नहीं करते
चुप से हो गये हो तुम
बात क्यों नहीं करते
छोटी छोटी बातों पे
जीते जी नहीं मारती
हाथ काले करते हो
नाम लिख के हाथों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
सारा दिन अकेले में
रत भर ख़यालों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में
इस तरह तो होता हैं
इस तरह के कामों में

नज़्म जो सुननी थी
नज़्म वो सुनादि हैं
नज़्म जो सुननी थी
नज़्म वो सुनादि हैं
बात समझनी थी
बात समझादी हैं
वक़्त हो गया अपना
फिर मिलेंगे खुवाबों में

क्यों उदास फिरते हो
सर्दियों की शामों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
सारा दिन अकेले में
रत भर ख़यालों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
इस तरहा तो होता हैं
इस तरहा के कामों में
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Writer: Sajjad Ali
Copyright: Lyrics © TuneCore Inc.

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