जिसको मिलना हो इस जहाँ में खुदा से
वो सर झुका के मिलले खुद अपनी माँ से।
खुदा तुम्हारी खूबियाँ मुझे माँ में दिख रही है
वो दुआऐ कर रही है, यहाँ रहमत बरस रही है।
ये जो बुलंदियाँ रोज मेरे कदमो को चूमती है
राज सिर्फ इतना है की माँ मेरे माथे को चूमती है।
माँ का साथ जिसे मिला उसे डर नहीं रहता
भगवान भी माँ से बड़ा कभी खुद को नहीं कहता।
साईआशिष की अर्ज मेरी माँ कभी जुदा न हो
जिस सुबह मैं माँ को न देखूं मेरे जीवन में ऐसी सुबह न हो।
जो माँ ना आता सात स्वर में तो सात स्वर न होते
जो खुद को कह रहे है गायक बड़ा वो आज गायक न होते।
जो न होती माँ तो चाँद तारे न होते
और जो न होती माँ तो साई हमारे न होते।