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Rekha Rao - Bichhu Dank Mar Gaya Lyrics



Rekha Rao - Bichhu Dank Mar Gaya Lyrics
Official




रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
होठो की लाली तार गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
रात के अंधेरे में (हे)
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में (हे)
ज़ुल्फोन के घेरे में
होठो की लाली तार गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)

होले होले नशा छाने लगा (हे)
धीरे धीरे मज़ा आने लगा (हे)
होले होले नशा छाने लगा (हे)
धीरे धीरे मज़ा आने लगा (हे)

तूतो हुई रे पिंदार तेरी आँखों में प्यार
तूतो हुई रे पिंदार तेरी आँखों में प्यार

इश्क़ का ज़हेर पीला गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)

एहसास वो दे करके ना जाने कब बिछड़ गया
के उसे ही याद करना मेरी आदत में पड़ गया

तेरी छुअन से हू अगन लगे (हे)
मुझको तो बस तेरी लगान लगी (हे)
तेरी छुअन से हू अगन लगे
मुझको तो बस तेरी लगान लगी
तेरी जिस्म की किताब पर तू पढ़ के खराब
तेरी जिस्म की किताब पर तू पढ़ के खराब
मुझे आदत फिर से लगा गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
होठो की लाली तार गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
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रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
होठो की लाली तार गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
रात के अंधेरे में (हे)
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में (हे)
ज़ुल्फोन के घेरे में
होठो की लाली तार गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)

होले होले नशा छाने लगा (हे)
धीरे धीरे मज़ा आने लगा (हे)
होले होले नशा छाने लगा (हे)
धीरे धीरे मज़ा आने लगा (हे)

तूतो हुई रे पिंदार तेरी आँखों में प्यार
तूतो हुई रे पिंदार तेरी आँखों में प्यार

इश्क़ का ज़हेर पीला गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)

एहसास वो दे करके ना जाने कब बिछड़ गया
के उसे ही याद करना मेरी आदत में पड़ गया

तेरी छुअन से हू अगन लगे (हे)
मुझको तो बस तेरी लगान लगी (हे)
तेरी छुअन से हू अगन लगे
मुझको तो बस तेरी लगान लगी
तेरी जिस्म की किताब पर तू पढ़ के खराब
तेरी जिस्म की किताब पर तू पढ़ के खराब
मुझे आदत फिर से लगा गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
रात के अंधेरे में
ज़ुल्फोन के घेरे में
होठो की लाली तार गया रे
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
कोई बिच्छू आके डॅंक मार गया रे (हे हे हे)
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Writer: Kavi Pradeep
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)

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Performed By: Rekha Rao
Length: 4:31
Written by: Kavi Pradeep

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