[ Featuring Amitabh Varma, Kamlesh Shaaniya ]
जाने क्यू हुआ जो हुआ
ना जाने क्यू हुआ जो हुआ
जाने क्यू हुआ जो हुआ
ना जाने क्यू हुआ जो हुआ
क्यू आँख फेरे हैं सवेरे
रूखे रूखे दिन यहाँ
क्यू सर झुकाई शाम आए
रात क्यू हैं वीरान
जाने क्यू हुआ जो हुआ
ना जाने क्यू हुआ जो हुआ
खाली खाली घर की दास्ताँ
सुने सुने मंज़र हर जगह
खाली खाली घर की दास्ताँ
सुने सुने मंज़र हर जगह
गुमसुम है गमोसे हर लम्हा
हमसे ही पूछता हैं बारहा
क्यू आज मायूसी के बदल
छा रहे हैं हार जगह
क्यू रास्तों में मोड़ आए
पास क्यू हैं दूरियाँ
जाने क्यू हुआ जो हुआ
ना जाने क्यू हुआ जो हुआ