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Ravi Raj - Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Lyrics



Ravi Raj - Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Lyrics
Official




हम्म हम्म
आ आ आ

आ आ आ आ आ
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
जो पेड़ बोया है हमने पहले
जो पेड़ बोया है हमने पहले
उसी का फल हम अब खा रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है

आ आ इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
सत्य नियम है यही धरा का
सत्य नियम है यही धरा का
एक आ रहे है एक जा रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है

जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जो भेजने वाले है यहाँ पे
जो भेजने वाले है यहाँ पे
वही तो वापस बुला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है

आ आ आ आ
बैठे है जो धान की बालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
बैठे है जो धान की बालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
हर डाल हर पत्ते में समाकर
हो हर डाल हर पत्ते में समाकर
गुल रंग बिरंगे खिला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
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Romanized

हम्म हम्म
आ आ आ

आ आ आ आ आ
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
जो पेड़ बोया है हमने पहले
जो पेड़ बोया है हमने पहले
उसी का फल हम अब खा रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है

आ आ इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
इसी धरा से शरीर पाए
इसी धरा में फिर सब समाए
सत्य नियम है यही धरा का
सत्य नियम है यही धरा का
एक आ रहे है एक जा रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है

जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जिन्होने भेजा जगत में जाना
तय कर दिया लौट के फिर से आना
जो भेजने वाले है यहाँ पे
जो भेजने वाले है यहाँ पे
वही तो वापस बुला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है

आ आ आ आ
बैठे है जो धान की बालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
बैठे है जो धान की बालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
समाए मेहंदी की लालियो में
हर डाल हर पत्ते में समाकर
हो हर डाल हर पत्ते में समाकर
गुल रंग बिरंगे खिला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने
वही ये सृष्टि चला रहे है
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Writer: Hans Raj Railhan, Lovely Sharma, Paras Midha
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)

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Performed By: Ravi Raj
Language: Hindi
Length: 5:00
Written by: Hans Raj Railhan, Lovely Sharma, Paras Midha
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