नदियाँ का पानी भी खामोश बहता यहाँ
खिली चाँदनी में छिपी लाख खामोशियाँ
बारिश की बूँदो की होती कहाँ है ज़ुबां
सुलगते दिलों में है खामोश उठता धुआँ
खामोशियाँ आकाश हैं
तुम उड़ने तो आओ ज़रा
खामोशियाँ एहसास हैं
तुम्हें महसूस होती हैं क्या
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ (खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ)
खामोशियाँ, लिपटी हुईं खामोशियाँ (खामोशियाँ, लिपटी हुईं खामोशियाँ)