ठंडी ठंडी रेत आवे खुशबू घणी बात म्हारे प्यारे राजस्थान की करा
शहर में प्रणाम बेटो बाप ने ना करे प्रणाम कर धरती ने पैर मेह धरा
ठंडी ठंडी रेत आवे खुशबू घणी बात म्हारे प्यारे राजस्थान की करा
शहर में प्रणाम बेटो बाप ने ना करे प्रणाम कर धरती ने पैर मेह धरा
थारे जिया महफिल नही बार में लागे उठते पेग म्हारे दूध का बणे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे
सुबह सुबह भीड़ म्हारे पणघट पे लागे नहीं फिल्म हॉल कदे गांव में बणे
शाम की रौनक म्हारे गांव की प्यारी देख धरती पे लागे जाणे सुरग बसे
मनाली की सैर म्हारे खेत में करा दयू आवज्ये तू गांव कदे भादवे भरे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे
मां बापू लागे म्हाने गॉड से बड़ा नाही वृद्धाआश्रम कदे गांव में बणा
थारे ज्यु ना प्यार कुता टोमी से करा माना गाय ने मेह मात मासू पेली बिन नीरा
मां बापू लागे म्हाने गॉड से बड़ा नाही वृद्धाआश्रम कदे गांव में बणा
थारे ज्यु ना प्यार कुता टोमी से करा माना गाय ने मेह मात मासू पेली बिन नीरा
गांव का माहौल चारों धाम से बड़ा कण कण माही म्हारे देव रमे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे
भाई सु भाई थारे मुंह ना बोले देख संयुक्त परिवार आज गांव में मिले
रुपया सु ना आंक म्हारी अमीरी ने थारे शहर को पेट म्हारा गांव भरे
भाई सु भाई थारे मुंह ना बोले देख संयुक्त परिवार आज गांव में मिले
रुपया सु ना आंक म्हारी अमीरी ने थारे शहर को पेट म्हारा गांव भरे
फीका लागे महल थारा झोपड़ी आगे ठंडो ठंडो पाणी कोरी मटकी झरे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे
म्हारो अगलो जन्म राजस्थान में हुवे राम आस आ पूरी करे