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Shayad Fir Se Video (MV)




Performed By: Rahul Vaidya
Language: Hindi
Length: 3:55
Written by: Kirat Gill




Rahul Vaidya - Shayad Fir Se Lyrics
Official




जो भी हमसे गुस्ताखी हुई
चलो भूल के अब बस प्यार करें
तुम शामों में फिर सुनने आओ
फिर इश्क़ पड़े गुलज़ार बने
बहुत करली बातें लोगों में
बस अब और ना हो देरी
बहुत अब बीत लिए सावन
फिर उस हवा से मिलते हैं
जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं
जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं

देख के सितारों को
फिर से उन बहारों को
दिल के बीमारों को दावा दी जाए
फिर से मुस्कुराते हैं चल
चाँद को बुलाते हैं
हाथों को मिला के फिर
दुआ की जाए
बात इतनी सी ही तो थी
बात को यही छोड़ते हैं
किरत से फिर से प्यार हो जाए
बस उस तरह से मिलते हैं
जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं

हो हो हो हो हो हो

पहले तो चुप से रहेंगे
फिर धीमें से बोलेंगे
काँधे पे सर रख उनके
बहाने से रो लेंगे
वो थोड़ा-थोड़ा लड़ते रहेंगे
पर बिछड़ने का डर भी रहेगा
होंठों से शिकवे किए जो सब
आंसुओं से धोलेंगे
जले पन्नों की कहानी को
सुनाने का मौक़ा तो दो
ये मौक़े दिल को जोड़ के जो
बस एक दफ़ा ही मिलते हैं

शायद फिर से दिल मिल जाए

जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं
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Romanized

जो भी हमसे गुस्ताखी हुई
चलो भूल के अब बस प्यार करें
तुम शामों में फिर सुनने आओ
फिर इश्क़ पड़े गुलज़ार बने
बहुत करली बातें लोगों में
बस अब और ना हो देरी
बहुत अब बीत लिए सावन
फिर उस हवा से मिलते हैं
जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं
जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं

देख के सितारों को
फिर से उन बहारों को
दिल के बीमारों को दावा दी जाए
फिर से मुस्कुराते हैं चल
चाँद को बुलाते हैं
हाथों को मिला के फिर
दुआ की जाए
बात इतनी सी ही तो थी
बात को यही छोड़ते हैं
किरत से फिर से प्यार हो जाए
बस उस तरह से मिलते हैं
जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं

हो हो हो हो हो हो

पहले तो चुप से रहेंगे
फिर धीमें से बोलेंगे
काँधे पे सर रख उनके
बहाने से रो लेंगे
वो थोड़ा-थोड़ा लड़ते रहेंगे
पर बिछड़ने का डर भी रहेगा
होंठों से शिकवे किए जो सब
आंसुओं से धोलेंगे
जले पन्नों की कहानी को
सुनाने का मौक़ा तो दो
ये मौक़े दिल को जोड़ के जो
बस एक दफ़ा ही मिलते हैं

शायद फिर से दिल मिल जाए

जहाँ पहली बार गले मिले
उस जगह पे मिलते हैं
शायद फिर से दिल मिल जाए
उस वजह से मिलते हैं
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Kirat Gill
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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