अब जो बिच्छड़े तो मिले या ना मिले क्या मालूम
बनके दरिया के किनारे ही रहे क्या मालूम
अब जो बिच्छड़े तो मिले या ना मिले क्या मालूम
बनके दरिया के किनारे ही रहे क्या मालूम
आज की रात के ये चार पहर साथ चले
आज की रात के ये चार पहर साथ चले
फिर कभी साथ चले या ना चले क्या मालूम
अब जो बिच्छड़े तो मिले या ना मिले क्या मालूम
बनके दरिया के किनारे ही रहे क्या मालूम
पाके भी पा ना सके खेल ये किस्मत का सही
पाके भी पा ना सके खेल ये किस्मत का सही
खो के भी खो ना सकेंगे ये तुम्हे क्या मालूम
अब जो बिच्छड़े तो मिले या ना मिले क्या मालूम
बनके दरिया के किनारे ही रहे क्या मालूम
हमने हीरे को भी एक काँच का टुकड़ा समझा
हमने हीरे को भी एक काँच का टुकड़ा समझा
अपनी किस्मत पे रोए या ना रोए क्या मालूम
अब जो बिच्छड़े तो मिले या ना मिले क्या मालूम
बनके दरिया के किनारे ही रहे क्या मालूम