रात और चाँदनी है
दूर खोयी कहाँ
रात और चाँदनी है
दूर खोयी कहाँ
प्यार की खुशबू
मैं तन्हा यहाँ
पल भर में, जी लूँ मैं
अपनी सारी ज़िन्दगी
बदला है ये समा, हाँ
पलकें जो तेरी उठीं
बिन तेरे जो काटे थी वो
शामें भुला ना सका
तू जो मेरे पास है
अब कोई ना आस है
तू प्यार मेरा, ह-ह
रात और चाँदनी है
दूर खोयी कहाँ
प्यार की खुशबू
मैं तन्हा यहाँ
रब से है, ये दुआ
बीते ना रात ये
थाम लूँ, वक्त को
गर हो मेरे हाथ में
दिल में हैं जो बाते
आज की रात कह दो सभी
ख़ामोशी की चादर ओढ़े क्यूँ हो
तुम ऐसे खड़ी, ही-ही
रात और चाँदनी है
दूर खोयी कहाँ
प्यार की खुशबू
मैं तन्हा यहाँ
ज़ुल्फ़ों की छांव में
ज़िदगी मैं गुज़ार दूँ
शर्मायी आँखों पे
ये जहां मैं वार दूँ
तू जो मेरे पास है
अब कोई ना आस है
तू प्यार मेरा
दीवानों से हाल है
ये दिल बेक़रार है
सुन ले ज़रा, ह-ह
रात और चाँदनी है
दूर खोयी कहाँ
प्यार की खुशबू
मैं तन्हा यहाँ