कह न सके जो कह दिया
आँसुओं ने वो कहानी
जो थी सुनानी
निकले थे हम राहों पे खुशियाँ लेके
जो हुआ, हो चुका
ये आँसू मिटा दो
बस तेरा था ज़िक्र
कोई थी न फिकर
आग जलती रही
प्यास क्यूं बुझ गई
जो हुआ, हो चुका
ये आँसू मिटा दो
लफ्ज़ों का था भँवर
इश्क का था सफ़र
दिन गुज़रते गए
दर्द आँसू बने
जो हुआ, हो चुका
ये आँसू मिटा दो
कह न सके जो कह दिया
आँसुओं ने वो कहानी
जो थी सुनानी
निकले थे हम राहों पे खुशियाँ लेके
जो हुआ, हो चुका
ये आँसू मिटा दो