दूर जितना भी तुम मुझसे, पास तेरे मैं
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
ज़िन्दगी से कोई शिकवा भी नहीं है
अब तो जिंदा हू मैं इस नीले आसमां में
चाहत ऐसी है ये तेरी, बढ़ती जाए
आहट ऐसी है ये तेरी, मुझको सताए
यादें गहरी हैं इतनी, दिल डूब जाए
और आँखों में यह ग़म नम बन जाए
हे हे हे ओ ओ ओ ओ
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
हे हे हे ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
सभी बातें हैं, सभी बातें हैं
भुला दो उन्हें, मिटा दो उन्हें
नि न ना ना ना ना नि न ना ना ना ना
धूम धूम धीम धूम धीम धूम
आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ ओ ओ आ आ ओ ओ
अब तो आदत सी है मुझको