ना तुम हमें जानो
ना हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
ना तुम हमें जानो
ना हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
ये मौसम ये रात चुप है
ये होठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्तान
ये मौसम ये रात चुप है
ये होठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्तान
नज़र बन गयी है दिल की ज़बान
ना तुम हमें जानो
ना हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
मगर लगता है कुछ ऐसा