[ Featuring Arijit Singh ]
हम्म पल कैसा पल पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
पल कैसा पल पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पायेगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
हम्म.. ख्वाहिश है इतनी सी यार
देर तक रुकना अबकी बार
प्यार के लम्हे हों हज़ार
उन्ही में सदियाँ जी लूँगा मैं
ओह.. पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पायेगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
छुपता सूरज या बादल
मनचला होने पागल
तुझको पुकारे हर पल यार
पत्तों पे बूंदे जैसे
सुबहा को ढूँढे जैसे
ढूँढू हर पल मैं तुझको यार
अब खुदा मिले ना मिले
ख़ुदाया तुझको माना है
इश्क़ के आगे है झुका
आज ये पल भी दीवाना है
ओह... पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाउ ना
समझ पाउ ना
समझ पाउ ना
समझ पाउ ना
समझ पाऊ ना