कभी दर्द सी, कभी ज़र्द सी
ज़िन्दगी बेनाम थी
कहीं चाहतें हुई मेहरबान
हाथ बाँध के थामती
इक वो नज़र, एक वो निगाह
रूह में शामिल इस तरह
बन गया अफ़साना इक बात से पहली दफ़ा
पा लिया है ठिकाना, बाहों की है पनाह
सुना है, सुना है ये रश्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है, वो पहली दफ़ा है (नशा है)
दिल कहे कहानियाँ पहली दफ़ा
अरमानों में रवानियाँ पहली दफ़ा
हो गया बेगाना मैं होश से पहली दफ़ा
प्यार को पहचाना एहसास है ये नया
सुना है, सुना है ये रश्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है, वो पहली दफ़ा है (नशा है)
सुना है, सुना है ये रश्में वफ़ा है
जो दिल पे नशा है, वो पहली दफ़ा है