हद से ज़्यादा मोहब्बत होती है जो
कहते है के इबादत होती है वो
कुसूर भी या कोई ये फितूर है
क्यू लगे सब कुछ अंधेरा है बस यही फितूर है
जो भी है मंज़ूर है
तुझसे किया है दिल ने बयान
किया निगाहों को ज़ुबान
वादा वफ़ा का किया
तुझसे लिया खुद को मिला
लिया दुआओं का सिला
जीने का सपना लिया आ
You brings me back tonight
Your touch makes me shine so bright
Hold my hand hold may hand tonight हे ए
कुछ तो है तुझसे राबता
कुछ तो है तुझसे राबता
क्यूँ है ये कैसे है ये तू बता
कुछ तो है तुझसे राबता
वो ओ ओ ओ
वो ओ ओ ओ
मेहरबानी जाते जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हां एक दामन भर गया आ आ