ऐसा समाँ ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते
ऐसा समाँ ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मौसम ये ना आता, यूँ ना छाती ये घटा
ऐसे गुनगुनाती यूँ ना गाती ये हवा
आ मौसम ये ना आता, यूँ ना छाती ये घटा
ऐसे गुनगुनाती यूँ ना गाती ये हवा
गुल शबनम के मोती ना पिरोते
मेरे हमराही जो तुम ना होते
ऐसा समाँ ना होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते
राहें वो ही, वादी वो ही, बदला कुछ नहीं
फिर भी तेरे मिलने से है दुनिया क्यों हसीन
राहें वो ही, वादी वो ही, बदला कुछ नहीं
फिर भी तेरे मिलने से है दुनिया क्यों हसीन
कहीं ख्वाबों में हम गुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते
ऐसा समाँ न होता
कुछ भी यहाँ ना होता
मेरे हमराही जो तुम ना होते
मेरे हमराही जो तुम ना होते