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Pradeep - Lakhon Log Chale Dekho Yeh Ghayal Lyrics



Pradeep - Lakhon Log Chale Dekho Yeh Ghayal Lyrics
Official




लाखो लोग चले है बिलखते
आ आ आ आ आ आ
लाखो लोग चले है सिसकते
आ आ आ आ आ आ

कहा हो दुनिया के रखवालो
एक नजर इन पर भी डालो

आ आ आ आ आ आ
देखो ये दुखिओं की कतारें
छीन रही है इनकी बहारे
ये सारे इंसान लुटे है
इनके सब अरमान लुटे है
इनके सपने टूट गए है
साथी पीछे छूट गए है
ऐसे हाल हुए है इनके
जैसे हो तूफान के तिनके
हाय सियासत कितनी गन्दी
बुरी है कितनी थिरका बंदी
आज ये सब के सब नर नारी
हो गए रस्ते के भिखारी
लुटे है लाखो सुहाग घरो के
बुझे है लाखो चिराग घरो के
पूछो आज कहेंगे ये मुखड़े
कितनी चूड़ियों के हो गए टुकड़े
देखो हमने घर को किस तरह बांटा है
एक हाथ ने हाथ दूसरा कटा है

आ आ आ आ आ आ

देखो ये घायल तकदीरे
गम की ये जिन्दा तस्वीरें
कोई न इनको सुहागन कहना
कहना हो तो अभागन कहना
कही पे इनके प्यारे छीन गए
कही पे इनके दुलारे छीन गए
इनका दिल कुछ ऐसा है टुटा
इनको लगता है जग झूठा
इनको हुई है जहाँ से नफरत
इनको हुई इंसान से नफरत
अपनी ये दुखियारों बहने
कौनसी दुनिया में जाये रहने

इनको धोखा देने वालो
इनसे बदला लेने वालो
कहो इन्होने क्या था बिगाड़ा
इनका घर क्यों तुमने उजाड़ा
छीन लिए क्यों इनके खिलोने
कौन सा पाप किया था इन्होने
लाखो प्राणी जुदा हुए लाचार बने
करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने

करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने
करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने (आ आ आ आ)
करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने (आ आ आ आ)
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लाखो लोग चले है बिलखते
आ आ आ आ आ आ
लाखो लोग चले है सिसकते
आ आ आ आ आ आ

कहा हो दुनिया के रखवालो
एक नजर इन पर भी डालो

आ आ आ आ आ आ
देखो ये दुखिओं की कतारें
छीन रही है इनकी बहारे
ये सारे इंसान लुटे है
इनके सब अरमान लुटे है
इनके सपने टूट गए है
साथी पीछे छूट गए है
ऐसे हाल हुए है इनके
जैसे हो तूफान के तिनके
हाय सियासत कितनी गन्दी
बुरी है कितनी थिरका बंदी
आज ये सब के सब नर नारी
हो गए रस्ते के भिखारी
लुटे है लाखो सुहाग घरो के
बुझे है लाखो चिराग घरो के
पूछो आज कहेंगे ये मुखड़े
कितनी चूड़ियों के हो गए टुकड़े
देखो हमने घर को किस तरह बांटा है
एक हाथ ने हाथ दूसरा कटा है

आ आ आ आ आ आ

देखो ये घायल तकदीरे
गम की ये जिन्दा तस्वीरें
कोई न इनको सुहागन कहना
कहना हो तो अभागन कहना
कही पे इनके प्यारे छीन गए
कही पे इनके दुलारे छीन गए
इनका दिल कुछ ऐसा है टुटा
इनको लगता है जग झूठा
इनको हुई है जहाँ से नफरत
इनको हुई इंसान से नफरत
अपनी ये दुखियारों बहने
कौनसी दुनिया में जाये रहने

इनको धोखा देने वालो
इनसे बदला लेने वालो
कहो इन्होने क्या था बिगाड़ा
इनका घर क्यों तुमने उजाड़ा
छीन लिए क्यों इनके खिलोने
कौन सा पाप किया था इन्होने
लाखो प्राणी जुदा हुए लाचार बने
करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने

करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने
करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने (आ आ आ आ)
करेंगे ऐसा धर्म की जो दिवार बने (आ आ आ आ)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: PRADEEP, CHITALKAR RAMCHANDRA
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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