कोई उम्मीद नही है के आप आएँगे
मगर ये दिल को यकी हैं के आप आएँगे
कोई उम्मीद नही है के आप आएँगे
मगर ये दिल को यकी हैं के आप आएँगे
कोई उम्मीद नही है के आप आएँगे
हवा में आपकी अंजान आहटो ने कहा
हवा में आपकी अंजान आहटो ने कहा
कली की खिलती हुई गुनगुनाहटों ने कहा
बस एक आस कहीं है के आप आएँगे
बस एक आस कहीं है के आप आएँगे
कोई उम्मीद नही है के आप आएँगे
खुद अपने आप को मैं सौप दूँ जो आप आए
खुद अपने आप को मैं सौप दूँ जो आप आए
मैं रात भर की फ़ज़ा ओढ़ लू जो आप आए
ख़याल कितना हसी है के आप आएँगे
ख़याल कितना हसी है के आप आएँगे
कोई उम्मीद नही है के आप आएँगे
मगर ये दिल को यकी हैं के आप आएँगे
कोई उम्मीद नही है के आप आएँगे