तुझे याद रखा है
हर लम्हा, पल भर को भी ना भुलाया है
गोलियाँ खा के सीने पर
तेरे इश्क़ का कर्ज़ चुकाया है
ऐ, जान-ए-वतन, मुझे तेरी क़सम
मेरी पहली और अंतिम धड़कन
तुम हो
हो-ओ-ओ, तुम हो
मेरे लाख जनम हों तुझ पे ख़त्म
मेरे जिस्म की रूह के पाक, सनम, तुम हो
हो-ओ-ओ, तुम हो
वापस लौट के आऊँगा मैं
जो रह गया कर्ज़ चुकाऊँगा मैं
धरम भी, करम भी
वादा भी, क़सम भी तुम हो
हो-ओ-ओ, तुम हो
मेरी जन्नत की ख़ुदाई तुम हो
सारे ज़ख़्मों की दवाई तुम हो
मैं हारा नहीं, देखो तो सही
मेरी जीत का लहराता परचम तुम हो
हो-ओ-ओ, तुम हो
मेरे ख़ून का एक-एक क़तरा, क़दमों पे तेरे है बिखरा
इसे रखना समेट के ख़ुद में, मैं ज़िंदा रहूँगा तुझमें
कभी ज़िकर चले जो वफ़ा का, मेरे नाम भी शामिल रखना
करना सर फ़कर से ऊँचा, ना आँख में पानी भरना
ऐ, जान-ए-वतन, मुझे तेरी क़सम
मेरी पहली और अंतिम धड़कन तुम हो
हो-ओ-ओ, तुम हो
मेरे लाख जनम हों तुझ पे ख़त्म
मेरे जिस्म की रूह के पाक, सनम, तुम हो
हो-ओ-ओ, तुम हो