दिल का दरिया, बह ही गया
इश्क इबादत, बन ही गया
खुद को मुझे, तू सौंप दे
मेरी ज़रूरत, तू बन गया
बात दिल की, नज़रों ने की
सच कह रहा, तेरी कसम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जायेंगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
बात दिल की, नज़रों ने की
सच कह रहा, तेरी कसम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तुझे कितना चाहने लगे हम