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Nitin Mukesh - Neend Se Ab Jaag Bande Lyrics



Nitin Mukesh - Neend Se Ab Jaag Bande Lyrics
Official




नींद निशानी मौत की
उठ कबीरा जाग

और रसायन छाड़ि कै
नाम रसायन लाग
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
निर्गुना से लाग बन्दे
है वही परमात्मा
नींद से अब जाग बन्दे

हो गई है भोर कबसे
ज्ञान का सूरज ऊगा
हो गई है भोर कबसे
ज्ञान का सूरज ऊगा
जा रही हर स्वांस बिरधा
जा रही हर स्वांस बिरधा
साई सुमिरन में लगा
साई सुमिरन में लगा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे

फिर ना पायेगा तू अवसर
कर ले अपना तू भला
फिर ना पायेगा तू अवसर
कर ले अपना तू भला
स्वप्न के बंधन है झूठे
स्वप्न के बंधन है झूठे
मोह से मन को छुड़ा
मोह से मन को छुड़ा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे

धार ले सतनाम साथी
बंदगी कर ले ज़रा
धार ले सतनाम साथी
बंदगी कर ले ज़रा
नैन जो उलटे कबीरा
नैन जो उलटे कबीरा
साई तो सन्मुख खड़ा
साई तो सन्मुख खड़ा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
निर्गुना से लाग बन्दे
है वही परमात्मा
नींद से अब जाग बन्दे
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नींद निशानी मौत की
उठ कबीरा जाग

और रसायन छाड़ि कै
नाम रसायन लाग
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
निर्गुना से लाग बन्दे
है वही परमात्मा
नींद से अब जाग बन्दे

हो गई है भोर कबसे
ज्ञान का सूरज ऊगा
हो गई है भोर कबसे
ज्ञान का सूरज ऊगा
जा रही हर स्वांस बिरधा
जा रही हर स्वांस बिरधा
साई सुमिरन में लगा
साई सुमिरन में लगा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे

फिर ना पायेगा तू अवसर
कर ले अपना तू भला
फिर ना पायेगा तू अवसर
कर ले अपना तू भला
स्वप्न के बंधन है झूठे
स्वप्न के बंधन है झूठे
मोह से मन को छुड़ा
मोह से मन को छुड़ा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
नींद से अब जाग बन्दे

धार ले सतनाम साथी
बंदगी कर ले ज़रा
धार ले सतनाम साथी
बंदगी कर ले ज़रा
नैन जो उलटे कबीरा
नैन जो उलटे कबीरा
साई तो सन्मुख खड़ा
साई तो सन्मुख खड़ा
नींद से अब जाग बन्दे
राम में अब मन रमा
निर्गुना से लाग बन्दे
है वही परमात्मा
नींद से अब जाग बन्दे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: TRADITIONAL, HARI OM SHARAN
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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