ख्वाबों में थे आँसू छुपे
पता ही ना था हमें
राहों में थे काँटे बिछे
पता ही ना था हमें
कुछ भी हमें हासिल नही
है रह गयी मंज़िल कहीं
हैरान है दिल किस बात की ये है सज़ा
रोने लगी है अब दुआ
खुद से हुई मे बेपता
ए रब मेरे मुझको ज़रा तू ये बता
क्यू हुआ, खफा ये वक़्त क्यू हुआ
इश्क़ से दिल जुदा क्यूँ हुआ
इस गम की वजह किसको पूछे यहाँ
क्यूँ हुआ, क्यूँ हुआ रब ही बेज़ुबान
साया भी ये रोए, तन्हा हमको देख कर
ज़िंदगी खाली हो गयी, खोया ऐसे हमसफ़र
क्यू हुआ, खफा ये वक़्त क्यू हुआ
इश्क़ से दिल जुदा क्यूँ हुआ
इस गम की वजह किसको पूछे यहाँ
क्यूँ हुआ, क्यूँ हुआ रब ही बेज़ुबान