[ Featuring ]
रातों से अंधेरो का
सुबह से उजालो का
दोनो के इरादो का ये
नाता तो देख
कितना ये सुहाना है
हर पल जिसको जाना है
आखों मे इन मेरी
एहसास तो देख
तेरी राहों से राहे चुनके (राहे)
तुझको ही तो मंज़िल बनाया है (बनाया है)
जैसे घुल जाए सासों मे हवायें
तू मेरी ज़िंदगी मे यू समाया है
जाए जहा कही भी
तू इस जहानो में
साए तेरे ही क्यू ढूंडू
ना मांगू तेरे सिवा
अब कुछ और दुआओं मे
तेरे संग ही सपने बुनू
जैसे गीतों को धुन मिल जाए (जाए)
वैसे ही तू दिल मे समाया है (ओ ओ)
मेरी राहों से राहे चुनके
मुझको ही तो मंज़िल बनाया है
आ आ आ आ आ
ले चल वहा मुझे जहा नहीं कोई
दूर दूर दुनिया से दूर (ओ ओ ओ)
ओ ओ ओ ओ
तेरी राहों से
तेरी राहों से
जैसे घुल जाए सासों
तुझको ही तो मंज़िल